स्टाइलैम इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी स्टाइलैम पैनल्स लिमिटेड में लेमिनेट मैन्युफैक्चरिंग के लिए एक प्लांट लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। परियोजना की कुल लागत 150 करोड़ रुपये होगी।
कंपनी ने 31 मार्च, 2023 को समाप्त वित्त वर्ष के दौरान 31 दिसंबर, 2022 को समाप्त अवधि के दौरान 180 करोड़ रुपये की तुलना में 240 करोड़ रुपये की शुद्ध बिक्री दर्ज की है। वित्त वर्ष 2019-23 की बिक्री का सीएजीआर 20 फीसदी है। स्टाइलैम की लेमिनेट सेल्स की मात्रा चैथी तिमाही, 2023 में 2.73 मिलियन शीट्स रही, जबकि 2022 की चैथी तिमाही में 2.3 मिलियन शीट्स और तीसरी तिमाही, 2023 में 3.01 मिलियन शीट्स रही।
कंपनी ने 2023 की चैथी तिमाही में 1.5 बिलियन रुपये का एक्सपोर्ट रेवेन्यू हासिल की जो 2022 की चैथी तिमाही में 1.1 बिलियन रुपये और 2023 की तीसरी तिमाही में 1.54 बिलियन रुपये थी। वित्त वर्ष 2019-23 में एक्सपोर्ट रेवेन्यू सीएजीआर 21 फीसदी रही। डाॅमेस्टिक रेवेन्यू 860 मिलियन रुपये रही जो चैथी तिमाही 2022 में 690 मिलियन रुपये और तीसरी तिमाही 2023 में 800 मिलियन रुपये रहा। वित्त वर्ष 2019-23 में घरेलू राजस्व सीएजीआर 19 फीसदी पर आया।
कंपनी ने 31 मार्च, 2023 को समाप्त अवधि के लिए 268 मिलियन रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 166 मिलियन रुपये और 2023 की पिछली तिमाही में 240 मिलियन रुपये था।
फिलिप कैपिटल की रिपोर्ट के मुताबिक, स्टाइलैम भारत से निर्यात के मामले में सबसे तेजी से बढ़ने वाली कंपनी है। स्टाइलैम का एक्सपोर्ट रेवेन्यू वित्त वर्ष 2018-22 में 16 फीसदी सीएजीआर था, जो निर्यात उद्योग के सीएजीआर से ज्यादा था। इसके अलावा, वित्त वर्ष 22 में कुल लेमिनेट निर्यात में इसकी हिस्सेदारी वित्त वर्ष 22 में बढ़कर 17 फीसदी पहुंच गया जो वित्त वर्ष 17 में 10 फीसदी थी। ये 80 से ज्यादा देशों में उत्पाद का निर्यात करता है; वित्त वर्ष 22 में, इसने अपने एक्सपोर्ट रेवेन्यू का 89 फीसदी यूरोप, सुदूर पूर्व और मध्य पूर्व से हासिल किया। स्टाइलैम अब नए बाजारों में अपनी भौगोलिक उपस्थिति बढ़ाने के लिए प्रमाणन पर और ज्यादा खर्च करता है।
वत्त वर्ष 2023 में 960 करोड़ रुपये की शुद्ध बिक्री के साथ, स्टाइलैम एचपीएल क्लैडिंग, क्यूबिकल्स, लॉकर्स, ऐक्रेलिक सॉलिड सरफेस आदि जैसे वैल्यू ऐडेड प्रोडक्ट को पेश करने वाली पहली कंपनी है।