बुनियादी ढांचागत और सरकारी भवन निर्माण कार्य तेज गति से जारी हैं क्योंकि केंद्र सरकार चुनाव वर्ष में प्रवेश कर चुकी है और आम चुनाव की घोषणा से पहले कई महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को पूरा करना चाहती है। इस्पात और सीमेंटों की बढ़ती मांग, उनकी बढ़ी कीमतों के साथ-साथ रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन में वृद्धि का संकेत है, जो प्लाइवुड, लैमिनेट्स, एडहेसिव, डोर, पेंट, लकड़ी और फर्नीचर जैसे अन्य निर्माण सामग्री उत्पादों के लिए बेहतर संभावना प्रस्तुत करती है। शटरिंग प्लाइवुड की आवश्यकताएं सीमेंट और स्टील के साथ तत्काल रूप से बढ़ी हैं, इसलिए शटरिंग प्लाइवुड की मांग और मजबूत होने की उम्मीद है।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक निर्माण गतिविधियां एकेडमिक संस्थानों के भवनों, रेलवे और मेट्रो स्टेशनों, अस्पतालों और हॉस्पिटैलिटी केंद्रों, सरकारी कार्यालयों और आवासीय क्वार्टरों, स्मार्ट शहरों, वाणिज्यिक भवनों आदि जैसे जगहों पर तेजी से बढ़ रही है। इसके अलावा, सरकार की ‘हाउसिंग फाॅर आॅल‘ योजना भी शटरिंग प्लाई की मांग को बढ़ावा दे रही है। प्लाई रिपोर्टर के सूत्रों ने अप्रैल-मई महीने में शटरिंग प्लाइवुड की बढ़ती मांग, और सप्लायर मेटेरियल की तेज डिलीवरी की पुष्टि की है। अवसर को देखते हुए, मुंबई, सूरत, एमपी, हैदराबाद, बैंगलोर आदि में 3 से अधिक नए सप्लायर ने शटरिंग प्लाई ट्रेडिंग में प्रवेश किया है और वे आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तत्काल भुगतान के साथ मेटेरियल खरीद रहे हैं।
यमुनागर, पंजाब और यूपी भारत में शटरिंग प्लाइवुड के प्रमुख निर्माता हैं, जो रिपोर्ट के अनुसार इन बाजार में 80 फीसदी से ज्यादा का योगदान करते हैं, हर किसी के पास पर्याप्त आर्डर हैं। दक्षिण स्थित शटरिंग प्लाइवुड निर्माताओं के पास भी पर्याप्त आर्डर हैं, और वे अपने उत्पाद की गुणवत्ता और आपूर्ति में सुधार कर रहे है। अप्रैल महीने में, यमुनागर के शटरिंग प्लाइवुड उत्पादकों की एक बैठक बुलाई गई और लकड़ी, केमिकल और अन्य खर्चों की बढ़ी लागत के कारण कीमतों में वृद्धि करने का फैसला किया गया, जिसे फिल्म फेस प्लाइवुड की मांग बढ़ने के कारण तुरंत स्वीकार कर लिया गया।