उत्तर भारत में लकड़ी की बढ़ती कीमतों ने प्लाइवुड उद्योग में कहर पैदा कर दिया है, और हर किसी ने कोर विनियर की बढ़ती लागत के चलते इनपुट कॉस्ट और प्रॉफिट मार्जिन का विश्लेषण करना शुरू कर दिया है। हमारे यमुनानगर संवाददाता ने बताया कि अध्िा काश किराए पर चल रही प्लाइवुड मैन्यूफैक्चरिंग इकाइयां शाॅर्ट नोटिस पर अपना परिचालन बंद कर दिया है। लीज पर चल रही फैक्ट्रियां भी तैयार माल की कीमत के एवज में मैन्यूफैक्चरिंग इनपुट कॉस्ट की गणना कर रहे हैं और इस लाइन से बाहर निकल रहे हैं।
एक प्लाइवुड निर्माता, जो वर्तमान में जगाधरी में प्लाइवुड इकाई चला रहे है, ने प्लाई रिपोर्टर संवाददाता को बताया कि वे इस कारखाने को वर्तमान किराए की कीमत पर नहीं चला पाएंगे, और उन्होंने कंपनी के मालिक से किराया तत्काल प्रभाव से कम करने के लिए कहा ताकि वे काम शुरू कर सकें, क्योंकि वह लकड़ी, और केमिकल की कीमतों में वृद्धि के कारण वर्तमान मूल्य लागत पर सर्वाइव नहीं कर पाएंगे।
खजुरी रोड में स्थित एक अन्य प्लाइवुड निर्माता ने कहा कि अगर कीमतों में अच्छी वृद्धि नहीं होगी, तो किराए पर सर्वाइव करना मुश्किल होगा। उन्होंने वर्तमान में ऑपरेशन बंद कर दिया और तैयार माल की कीमत में वृद्धि की प्रतीक्षा कर रहे हैं, उनका अनुमान है की सितंबर के मध्य में बढ़ी कीमतें लागू हो सकती हैं। यह विदित है की अकेले यमुना नगर में किराए पर 2 दर्जनों से अधिक इकाइयां चल रही हैं, और कई नई इकाइयां स्थापित की जा रही हैं, लेकिन अन्य कच्चे माल के साथ लकड़ी की वर्तमान बढ़ती कीमतों ने प्लाइवुड निर्माताओं के प्रॉफिट मार्जिन को कम कर दिया है और यह उन उद्यमियों के लिए मुश्किल लगता है, जो मासिक किराए पर फैक्ट्रियां चला रहे हैं।