लंबी प्रतीक्षा के बाद एचपीएल सेगमेंट में कीमत में वृद्धि लगभग पूरे बाजार द्वारा स्वीकार कर लिया गया है। केमिकल, कागज, मोल्ड, बिजली, मजदूरी इत्यादि जैसे विभिन्न कच्चे माल की ऊंची कीमतों के कारण, हाई प्रेसर लैमिनेट उद्योग दिन व दिन कम मार्जिन से प्रभावित हो रही थी और एक साल से इस लागत को बाजार में पारित करने की कोशिश हो रही थी, लेकिन विशाल क्षमता निर्माण के कारण मेटेरियल की बढ़ती आपूर्ति इस लागत को पारित करने के लिए उद्योग को सर्पोट नहीं कर रही थी, जिसके कारण उनके लाभ मार्जिन नीचे के स्तर तक गिर गए थे।
आवास और इंटीरियर की धीमी वृद्धि के कारण डेकोरेटिव लैमिनेट इंडस्ट्री कीमत में वृद्धि नहीं कर पा रही थी। अब क्षेत्रीय स्तर पर उत्पादकों की बैठकों के बाद, एक सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है। गुजरात, उत्तर भारत और दक्षिण आधारित उद्योगों ने मूल्य वृद्धि को समर्थन किया, और 1.0 मिमी - 45 रुपये, 0.8 मिमी - 25 रुपये, 0.92 मिमी - 20 रुपये, 0.72 मिमी - 20 रुपये, डोर स्किन - 20 से 30 रुपये और इंडस्ट्रीयल लेमिनेट - 20 रुपये प्रति मिमी बढ़ाने का निर्णय लिया।
प्लाई रिपोर्टर टीम द्वारा एकत्रित बाजार रिपोर्ट में पाया गया कि बढ़ी हुई कीमतें वितरकों/स्टॉकिस्ट स्तर पर स्वीकार की गई है, साथ ही लगभग खुदरा काउंटरों पर स्वीकार की जाने वाली है। इस कीमत वृद्धि में उत्पादकों और डीलरों के बीच बहुत अधिक बहस की कोई गुंजाइस नहीं है क्योंकि यह एक वर्ष से लंबित था, और विभिन्न कच्चे माल की बढ़ती कीमतों को हर कोई समझता है।
इस बीच फेनाॅल और अन्य केमिकल की कीमतों की अप्रत्याशित ऊंची वृद्धि की रिपोर्ट ने एचपीएल मैन्यूफैक्चरिंग के पूरी इकोसिस्टम को परेशान कर दिया है और इनपुट लागत 10 से 15 प्रतिशत तक फिर से बढ़ने की आशंका है, जो कि उत्पादकों को काॅस्ट में जोड़ना बहुत मुश्किल होगा और वे इसे बनाए रखने के लिए और कीमतों में वृद्धि की कोशिश कर रहे है, हालांकि निर्माताओं ने फिलहाल उत्पादन में कटौती का निर्णय लिया है और हालात को बारिकी से समझने की कोशिश कर रहें हैं।