घरेलू स्तर पर भारी क्षमता वृद्धि के बावजूद, वित्त वर्ष 2018 में एमडीएफ आयात ने 39 फीसदी की उच्च वृद्धि हासिल की है। पिछले 5 वर्षों से एमडीएफ आयात का बढ़ता ग्राफ 2016-17 में बदल गया था, लेकिन इस साल फिर इसने भारी वृद्धि दर्ज की है। डीजीसीआईएस द्वारा बताए गए आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2016-17 में एमडीएफ/हार्डबोर्ड का आयात 560.31 करोड़ रुपये से 39 फीसदी (218 करोड़ रुपये) बढ़ कर 778.53 करोड़ रुपये हो गया है।
एमडीएफ ज्यादातर वियतनाम, थाईलैंड, मलेशिया, दक्षिण कोरिया आदि से भारत में आयात किया जाता है, और यह आयातित मेटेरियल, मुख्य रूप से कम मोटाई में होती है जिसका तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना और मुंबई में महत्वपूर्ण बाजार हिस्सेदारी है क्योंकि बंदरगाहों से इसकी निकटता है। हालांकि बढ़ते आयात घरेलू उत्पादकों के लिए चुनौती है, जिन्होंने हाल ही में नई हाई कैपेसिटी मैन्यूफैक्चरिंग लाइनों को जोड़कर अपनी क्षमता का विस्तार किया है लेकिन बाजार मूल्य से निर्धारित होता है और आयातित एमडीएफ भारत के कुछ क्षेत्रों में अधिक प्रतिस्पर्धी है।
नए प्लांटों के उत्पादन शुरू होने के साथ, भारत की एमडीएफ उत्पादन क्षमता प्रति दिन 4500 सीबीएम तक पहुंच गई है। दक्षिण भारत में ग्रीन पैनल का नया प्लांट आने वाले वर्षों में दक्षिणी भारत के बाजार में आपूर्ति बढ़ाने के लिए तैयार है। कुछ नए प्लांट दक्षिण और उत्तरी भारत में भी शुरू किए गए हैं, जो 2019 में उत्पादन शुरू कर सकते हैं। बढ़ते फर्नीचर मैन्यूफैक्चरिंग उद्योग और फर्नीचर तथा इंटीरियर एप्लीकेशन, घरेलू स्तर पर पार्टिसन और सरफेस के क्षेत्र में में एमडीएफ के बढ़ते एप्लीकेशन के साथ एमडीएफ उत्पादन में विशाल क्षमता वृद्धि भी हो रही है। एमडीएफ रेडीमेड फर्नीचर, राउटिंग और अन्य सरफेसिंग की आवश्यकताओं के साथ-साथ कंज्यूमर एप्लीकेशन जैसे फोटो फ्रेम, शू हील्स, गिफ्ट बॉक्स, ग्रिल, रूटेड टॉप, वॉल पैनलिंग आदि में कई नए उपयोग के लिए एक उपयुक्त ऑल राउंडर सब्सट्रेट है।