मंदी की मार के बावजूद, फिल्म फेस प्लाईवुड की मांग बुनियादी ढांचे के विकास और भवन निर्माण के लिए लगातार खपत की बजह से बढ़ रही है। प्लाई रिपोर्टर के मार्केट स्टडी के अनुसार सामान्य प्लाईवुड की मांग में कमी है, लेकिन फिल्म फेस शटरिंग प्लाईवुड की मांग बेहतर स्थिति में है। सजा और जुर्माने से बचने के लिए निर्धारित समय में अपने प्रोजेक्ट पूरा करने के बजह से बिल्डरों से भी फिल्म फेस शटरिंग प्लाईवुड की मांग में समर्थन मिल रहा है। दिल्ली-एनसीआर, मुंबई-सीबीडी, पुणे, बंगलौर, यूपी, अहमदाबाद, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश आदि में ओपन वर्किंग स्पेस और वेयरहाउसिंग सेक्टर में ग्रोथ से शटरिंग प्लाईवुड की मांग बनाए रखने में मदद मिली है।
सरकार द्वारा समर्थित बुनियादी ढांचे के विकास और सार्वजनिक सेवा भवनों के निर्माण में भी फिल्म फेस शटरिंग और एलवीएल की मांग बढ़ी है। कॉन्ट्रैक्ट लेने वाली कंपनियां इस बात से सहमत हैं कि सरकारी अनुबंधों से बहुत सारे काम के चलते सीमेंट, स्टील और संबंधित उत्पादों की निरंतर मांग में मदद मिल रही हैं। प्लाइवुड में नए प्लेयर्स के आने और मौजूदा यूनिट के विस्तार के कारण मटेरियल फ्लो में भी तेजी देखी जा रही है।
पिछले 3 वर्षों में, शटरिंग प्लाईवुड की लगातार और नियमित मांग के चलते यह कई प्लाईवुड निर्माताओं को आकर्षित किया है। पिछले साल, यूपी, बिहार, दक्षिणी क्षेत्र और यहां तक कि हरियाणा में नई इकाइयों में नए
इंस्टालेशन की होड़ लगी थी। वर्तमान में, देश भर में लगभग 300 संयंत्र ऐसे हैं जो अलग-अलग घनत्व और फिल्म कोर में फिल्म फेस प्लाईवुड का उत्पादन कर रहे हैं। कई स्थानों पर, संगठित ठेकेदारों और बिल्डरों ने मेटल
फॉर्म वर्क सिस्टम को अपनाया है, फिर भी छोटे शहरों से रिटेल डिमांड ने भारत में इस उत्पाद के विकास को बढ़ावा दिया है। एसआरजी, मैगनस, प्रीमियम, अलायन्स, प्रिंस, गति, एवियन, भूटानटफ ब्लैककोबरा, कंचन, यूनिक, दूना, गोल्डन, रुस्सियनटफ, नॉर्थर्न इत्यादि जैसे नामी और गुणवत्तापूर्ण उत्पाद वाले प्रसिद्ध ब्रांड ने पिछले एक वर्ष में अच्छा प्रदर्षन किया है। आवास और हाउसिंग सेक्टर में सुस्ती के कारण सामान्य प्लाईवुड की बिक्री में गिरावट देखी जा सकती है।