भारत सरकार ने पतले यानी 6 एमएम से कम मोटाई वाले प्लेन एमडीएफ पर एंटी डंपिंग ड्यूटी संबंधी जांच शुरू कर दी है। 22 अप्रैल, 2020 को भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग विभाग की ओर से जारी नोटिफिकेशन में बताया गया है कि भारत में 4 देश जैसे वियतनाम, मलेशिया, थाइलैंड और इंडोनेशिया से आयात होने वाले पतले यानी 6 एमएम के कम मोटाई के प्लेन एमडीएफ पर एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाने की जांच शुरू कर दी गई है।
नोटिफिकेशन में बताया गया है कि ग्रीनपैनल इंडस्ट्री लिमिटेड और सेेंचुरी प्लाईबोर्ड इंडिया लिमिटेड ने घरेलू एमडीएफ उत्पादन कंपनियों की ओर से, सरकार को आवेदन दिया है, जिसमें कहा गया है कि वियतनाम, न्यूजीलैंड, मलेशिया, थाइलैंड और इंडोनेशिया से पतले प्लेन एमडीएफ, काफी सस्ते दर पर आयात हो रहा है, जिससे घरेलू उद्योग को काफी नुकसान हो रहा है, इसलिए घरेलू एमडीएफ उद्योग को बचाने के लिए इन देशों से आयातित पतले एमडीएफ पर एंटी डंपिंग ड््यूटी लगाइ जाए।
हालांकि सरकार का कहना है कि जांच में पाया गया है कि न्यूजीलैंड से आयातित एमडीएफ से घरेलू उद्योग को कोई क्षति नहीं हो रहा है, इसलिए वर्तमान जांच के दायरे में सिर्फ चार देशों को ही रखा जाएगा। साथ ही ये भी बताया गया है कि इस जांच के दायरे में लेमिनेटेड एमडीएफ बोर्ड और 6 एमएम मोटाई के उपर के बोर्ड को नहीं रखा गया है।
नोटिफिकेशन के मुुताबिक, संबंधित निर्यातक कंपनियों, अन्य आयातको, ट्रेडर्स को इस संदर्भ मंे जानकारी भेज दी गई है, और उन्हें ई-मेल के जरिए सरकार को 60 दिन के अंदर अपना पक्ष रखने को कहा गया है। घरेलू एमडीएफ उद्योग को उम्मीद है कि जुन के अंतिम सप्ताह में उनके पक्ष में फैसला आ सकता है, जिससे उनको काफी राहत मिलेगी। घरेलू एमडीएफ उत्पादकों का मानना है कि भारत में भी उसी क्वालिटी स्टैंडर्ड के प्रोडक्ट को उत्पादन हो रहा है, लेकिन सस्ते रेट पर आयात होने से उनके उद्योग को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।