जोधपुर-जयपुर स्थित फर्नीचर और हैंडीक्राफ्ट उत्पादकों को हाल ही में काफी मात्रा में एक्सपोर्ट के आर्डर अमेरिका और यूरोपियन देशों से मिले हैं, लेेकिन लेबर की कमी से उनका उत्पादन पूरा नहीं हो पा रहा है। उनका ये भी कहना है कि एक्सपोर्ट के लिए कंटेनर की भी दिक्कतें आ रही है, क्योंकि देश में आयात कम हो रहा है, जिससे उन्हें अपना माल भेजने के लिए खाली कंटेनर नहीं मिल पा रहे हैं।
जोधपुर के फर्नीचर और हैंडीक्राफ्ट निर्यातकों के मुताबिक कामगारों की पर्याप्त मात्रा फैक्ट्रियों को उपलब्ध नहीं हो पा रही है, इसलिए उत्पादन भी पूरी क्षमता से नहीं हो रही है। जोधपुर हेंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री भारत दिनेश ने बताया कि हमें सरकार से किसी तरह ही सहायता नहीं मिल रही है। वाहनों की दिक्क्तों के चलते फैक्ट्रियों में लेबर की कमी है और आम की लकड़ी की कीमतें भी पहले से लगभग २० प्रतिशत बढ़ी है, जिससे उनका लागत खर्च बढ़ गया है। जोधपुर स्थित कई प्लेयर्स अपनी बसंे भेजकर नजदीकी राज्यों से कामगारों को बुलवाया है। काफी कोशिश के बाबजूद उत्पादन क्षमता लगभग 70 फीसदी पर पहुंची है। इंडस्ट्री कोे उम्मीद है कि बिहार में बाढ़ का पानी घटने के बाद मजदूर का आना शुरू हो जाएगा।
एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीक्राफ्ट्स (ईपीसीएच) के कार्यकारी निदेशक राकेश कुमार ने कहा कि ऑर्डर आ रहे हैं, लेकिन लेबर की कम उपलब्धता के कारण उत्पादन बढ़ाने में समस्या आ रही है। कुमार ने भारत सरकार से (एमईआईएस) व्यापारिक निर्यात से संबंधित मुद्दों पर ध्यान देने का आग्रह किया क्योंकि निर्यातक अपने उत्पादों की कीमतें तय नहीं कर पा रहे हैं। एमईआईएस निर्यातकों की मूल्य प्रतिस्पर्धा बढ़ाने में मदद करता है, लेकिन योजना पर अनिश्चितता के कारण, निर्यातक नए आर्डर की कीमत तय करने को लेकर असमंजस में हैं।