हरियाणा सरकार ने पॉलुशन बोर्ड द्वारा बंद किये गए फॉर्मल्डिहाइड यूनिटों को सशर्त 6 महीने तक चलने की इजाजत दे दी है, लेकिन मंजूूरी के लिए तुरंत आवेदन करना होगा और इसका प्रमाण 60 दिनों के भीतर पर्यावरण विभाग और एचएसपीसीबी को देना होगा। सरकार के इस फैसले से वुड पैनल उद्योग में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है।
राज्य के पर्यावरण विभाग ने आदेश जारी करते हुए कहा कि सरकार के निर्देशानुसार बिना कोई प्राथमिक पर्यावरण मंजूरी प्राप्त किये 15 तक इकाइयां चलाई जा सकती है, लेकिन हरियाणा स्टेट प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) ने एनवायरनमेंट इम्पैक्ट असेसमेंट नोटिफिकेशन 2006, भारत सरकार के नियमानुसार इसकी गलत व्याख्या की थी इसलिए इकाइयों को पर्यावरण मंजूरी के लिए दिए आदेश को वापस लेने का फैसला किया है।
सरकार के इस कदम का सकारात्मक प्रभाव तमाम वुड पैनल उद्योग जगत पर भी पड़ा है जिसके चलते फॉर्मल्डिहाइड की कीमतें एक दिन में ही लगभग 30 फीसदी कम हो गई हैैै। हरियाणा प्लाइवुड मैन्युफैक्चर्स एसोसिएसन के उपाध्यक्ष श्री सतीश चोपाल ने इस निर्णय के लिए प्रदेश सरकार और मंत्री कंवर पाल का धन्यवाद व्यक्त किया है, और कहा कि इस निर्णय से यमुनानगर के प्लाइवुड उद्योग को भारी राहत पहुंची है।
ज्ञातव्य है कि एचएसपीसीबी के आदेश के बाद इन इकाइयों ने सरकार को गुहार लगाई थी कि इस तरह इकाइयों को अचानक बंद किये जाने से पूरे उद्योग जगत के सामने मुश्किल खड़ी हो गई है। उन्होंने पर्यावरण विभाग से मंजूरी के लिए जरूरी पक्रिया पूरी करने के लिए कम से कम छह महीनें की मोहलत और फैक्ट्रियां चलने की इजाजत मांगी थी।
सरकार द्वारा उनकी मांग पर विचार करने के बाद संबंधित विभाग ने बिना कोई कानूनी कार्रवाई किए, 11 नवम्बर 2020 को इन इकाइयों को सशर्त 6 महीने तक चलाने का आदेश दिया और कहा कि सभी सम्बंधित इकाइयां तत्काल पर्यावरण मंजूरी के लिए आवेदन करें और इसका प्रमाण आदेश जारी होने के 60 दिनों के भीतर पर्यावरण विभाग और एचएसपीसीबी में जमा करवाएं।