नए बजट में भारतीय रेलवे के विकास पर काफी जोर दिया गया है, जिससे यह सेक्टर कॉम्पैक्ट प्लाइवुड और इंडस्ट्रियल लेमिनेट की खपत का सबसे बड़ा सेक्टर बन सकता है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने न्यू रेल प्लान के बारे में कहा कि इसके साथ 2030 तक भारतीय रेलवे का भविष्य काफी मजबूत हो जाएगा। उन्होंने 1,10,055 करोड़ की घोषणा की है, जिसमें आज तक के सबसे बड़ी रकम 1,07,100 करोड़ पूंजीगत खर्च के लिए निर्धारित की गई है। उन्होंने ईस्टर्न एंड वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की शुरुआत करने को रेलवे की प्राथमिकता बताई है।
उन्होंने कहा इसका मुख्य उद्देश्य मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के क्रम में उद्योगों के लिए माल भाड़ा धुलाई का खर्च कम करना है, और इसके लिए जून 2022 में ईस्टर्न एंड वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की शुरुआत की जाएगी। इसके निर्माण में कुछ हिस्सों को बनाने के लिए पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) की अवधारणा पर कार्य किया जाएगा, इसके संचालन और रख रखाव के लिए पूँजी जुटाने का कार्य काॅरिडोर के कमीशन होने के बाद किया जाएगा।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय रेलवे के राष्ट्रीय प्लान 2024 की शुरूआत की और बजट में किए गए प्रावधान की विस्तृत जानकारी दी। भारतीय रेलवे निजी भागीदारी को बड़े स्तर पर बढ़ावा देने की योजना बना रही है, जिसके अंतरर्गत रेलवे स्टेशन को अपग्रेड करना और नेटवर्क पर ट्रेन का संचलना भी शामिल है। रेलवे विभाग द्वारा अगले 6 महीने में 150 प्राइवेट ट्रेन प्रोजेक्ट की निविदा का अंतिम रूप दिए जाने की सम्भावना है।
सरकार द्वारा रेलवे के लिए एक बड़े पूंजीगत निवेश/खर्च प्लाइवुड और लेमिनेट उत्पादकों के लिए अच्छी खबर है, क्योंकि यह कॉम्पैक्ट प्लाइवुड, चेकर्ड प्लाई, कॉम्पैक्ट लेमिनेट और दूसरे इंडस्ट्रियल लेमिनेट को बढ़ावा देगा।