कच्चे माल की कीमतों में उतार चढ़ाव से लेमिनेट बाजार अस्थिर
डेकोरेटिव लेमिनेट इंडस्ट्री के लिए कच्चे माल की कीमतें परेशानी का सबब बन गया हैं। पिछले साल मेलामाइन, फिनोल, मेथानॉल, क्राफ्ट पेपर, बेस पेपर आदि की अस्थिर कीमतों के कारण लेमिनेट इंडस्ट्री की इनपुट कॉस्ट काफी अस्थिर रही। फरवरी 2021 में, मेलामाइन का रेट 200 से भी ऊपर चला गया था, जिससे लेमिनेट इंडस्ट्री अस्थिर रही। अक्टूबर 2021 में, फिर से मेलामाइन की कीमतें बढ़नी शुरू हुई और 300 का आंकड़ा पार कर गया, जिसकी वजह से कई लेमिनेट उत्पादकों ने इकोनॉमिकल ग्रेड या लाइनर्स बनाने बंद कर दिये।
एक बार फिर मेलामाइन 150 से ऊपर ट्रेंड कर रहा है, जो कि व्यवहार्यता की गणना और अर्थव्यवस्था से परे है। उसी के समानांतर अन्य कच्चे माल भी चिंताजनक स्थिति पैदा कर रहे थे। अब, जनवरी 2022 के अंतिम सप्ताह में लेमिनेट के कच्चे माल की कीमतें फिर से बढ़ रही हैं। मेलामाइन की कीमतें 175 को पहुंच गया, फेनॉल 125 से ज्यादा हो गया, क्राफ्ट पेपर 40 रूपए तक पहुंच गया, बेस पेपर की कीमतें भी आयात पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगने के कारण मजबूत हुईं। यदि तुलनात्मक रूप से देखें तो नवंबर-दिसंबर में कच्चे माल की कीमतें घटी, जब लेमिनेट निर्माताओं को कीमते कम करने को मजबूर किया गया था। अब, जैसा कि उद्योग के कुछ लीडर्स ने भविष्यवाणी की गई है, कि लेमिनेट की इनपुट कॉस्ट में वृद्धि हुई हैतो इसका प्रभाव फरवरी और मार्च में लेमिनेट की कीमतों पर दिखाई दे सकता है।
लेमिनेट निर्माता फिर से अलर्ट मोड पर हैं, विशेष रूप से इकोनॉमिकल ग्रेड या लाइनर के लेमिनेट के उत्पादक ज्यादा सतर्क है। चूंकि ब्रांडेड लेमिनेट उत्पादकों ने तीसरी तिमाही में वृद्धि दर्ज की है और नवंबर में कमजोर बिक्री के बावजूद अपनी 1 मिमी की बिक्री को बनाए रखा है। ब्रांडेड प्लेयर्स वैल्यू एडेड उत्पादों जैसे एक्सटीरियर, एंटी स्क्रैच, मैट फिनिश, एंटी फिंगर, एचडी ग्लॉस आदि पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जिससे उच्च गुणवत्तापूर्ण लेमिनेट का उपयोग करने वाले और ओईएम में उनकी स्थिति मजबूत होने में मदद मिली है।
चुनौतियों के बावजूद, अब बड़े ब्रांड लेमिनेट के बाजार में मजबूती हासिल करने के लिए विस्तार कर रहे हैं। लेमिनेट में, अधिक क्षमता वृद्धि और उत्तर भारत में नए प्लांट कई लेमिनेटउत्पादकों के लिए चुनौती पैदा करेंगे। इससे 2022 में हो सकता है एक दर्जन से ज्यादा लेमिनेट बनाने वाली इकाइयां बंद हो जाए या दूसरे हाथों में चली जाए। और, इसे आप अस्थिर कच्चे माल की कीमतों का दुष्प्रभाव कह सकते हैं।
इस अंक में सेंचुरीप्लाई के सेंट्रल डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (सीडीएस) के उद्घाटन पर कवरेज शामिल है, जो भारतीय लेमिनेट इंडस्ट्री में आधुनिक वेयरहाउस मैनेजमेंट सिस्टम का पहला और अनूठा मॉडल है, जो अपने ग्राहकों को त्वरित सेवा प्रदान करता है और पूरे सप्लाई चेन नेटवर्क में स्टॉक की विजिविलिटी बनाए रखता है। ग्रीनलैम, स्टाइलैम, अमूल्या माइका आदि द्वारा नए उत्पादों की लॉन्चिंग भी प्रकाशित की गई है। टिम्बर, फेस विनियर, पार्टिकल बोर्ड, एक्रेलिक लेमिनेट, प्लाइवुड, एसीपी इत्यादि के परिदृश्य और विभिन्न राज्यों में प्लाइवुड की कीमतें बढ़ने पर संक्षिप्त समाचार भी हैं। इस अंक में वर्चुअल लॉन्च, वेबिनार और अन्य घटनाओं के मुख्य आकर्षण पर प्रकाशित लेख दिलचस्प हैं।
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Rajiv Parashar
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