कई इंटीरियर साइटों पर कारपेंटरों की अनुपस्थिति के कारण इंटीरियर डेकोरेटिव प्रोजेट्स बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। मेट्रो शहरों और टायर एक शहरों से मिली रिपोर्ट ने पुष्टि की है कि कांट्रैक्टर और आर्किटेक्ट फर्म अपनी समय सीमा पूरी करने में असमर्थ हैं क्योंकि उनके पास इसे पुरा करने के लिए पर्याप्त कारपेंटर नहीं हैं। रिपोर्टं का कहना है कि त्यौहार, शादी-विवाह और छुट्टियों के कारण अप्रैल महीने से ही कारपेंटर अपने पैतृक गांव चले गए। एक ठेकेदार का कहना है कि यह हर साल की बात है लेकिन इस साल वे लौटने में देर कर रहे, इसलिए इसका प्रभाव अधिक दिख रहा है।
कारपेंटरों की अनुपस्थिति वुड पैनल उत्पादों के लिफ्टिंग पर भी असर डाल रही है और पिछले 2 महीनों के दौरान प्लाइवुड, लैमिनेट्स, पीवीसी टेप, एडेसिव आदि की मांग या तो स्थिर है या कम हुई है। मुंबई, सूरत, अहमदाबाद, दिल्ली, लुधियाना आदि के खुदरा विक्रेताओं ने कारपेंटरों की अनुपस्थिति के कारण मेटेरियल की स्लो लिफ्टिंग की पुष्टि की है। मुंबई के एक खुदरा विक्रेता ने बताया कि हर रोज 1-2 ग्राहक कारपेंटरों के लिए मेरी दुकानों पर आते हैं लेकिन मेरे पास विकल्प नहीं है क्योंकि 50 फीसदी से अधिक कारपेंटर अपने मूल स्थान गए हुए हैं।
प्लाई रिपोर्टर के सर्वे से संकेत मिलता है कि अलग-अलग इंटीरियर साइटों पर कारपेंटरों की अनुपस्थिति के कारण वुड पैनल उत्पादों की लिफ्टिंग 50 फीसदी घट गयी है, जिसने विभिन्न प्लाई-लैमिनेट्स और एडेसिव कंपनियों की बिक्री को भी प्रभावित किया है। जून महीने में अच्छा प्रदर्षन करने का दबाव है नहीं तो वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही प्लाई-बोर्ड कंपनियों के लिए अच्छी नहीं रह जाएगी।
कांट्रेक्टिंग फर्मों को अनुमान है कि 15 जून के बाद इंटीरियर और अन्य कारपेंटरी वर्क नियमित होंगे, क्योंकि कारपेंटर जून महीने के पहले सप्ताह के बाद आने शुरू करेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि हाल के दो महीनों से लेबर और कारपेंटरों की कमी वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही के व्यापार राजस्व और लाभ को प्रभावित कर सकता है।