मेलामाइन के दाम अचानक बढ़ने से वुड पैनल व लेमिनेट इंडस्ट्री में हडकंप मच गया है। प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार मेलामाइन के दाम 300 रूपए से ऊपर पहुंच गए है, जो अब तक का सबसे बड़ा उछाल माना जा रहा है। इंडस्ट्री से प्राप्त सूत्रों के मुताबिक 300 से उपर के रेट के बावजूद मेटेरियल की उपलब्धता सामान्य रूप से नहीं है।
वर्तमान हालात ये साफ इंगित करता है कि अगर आने वाले समय में मेलामाइन की उपलब्धता नहीं सुधरी तो बड़ी संख्या में लेमिनेट के उद्योग बंद हो सकते है। इसका असर प्लाइवुड, पार्टिकल बोर्ड और एमडीएफ उद्योग पर भी पड़ता हुआ दिख सकता है।
इंडस्ट्री के जानकारों के मुताबिक अगले एक दो महीने तक मेलामाइन की उपलब्धता का संकट बना रह सकता है, जिससे लेमिनेट इंडस्ट्री काफी हद तक प्रभावित हो सकती है। प्लाई रिपोर्टर से बातचीत में मेलामाइन के सप्लायर्स ने बताया कि आने वाले समय में संकट और गहराएगा, क्योंकि आयातित मेलामाइन की आवक काफी धीमी है।
रिपोर्ट के अनुसार घरेलू मेलामाइन कंपनी जीएसएफफी में उत्पादन की स्थिति अच्छी है, और ये प्लांट अपनी पूरी क्षमता से चल रही है। बाजार सुत्र, जीएसएफसी का रेट 200 के आसपास बता रहें हैं। हालांकि उद्योग की जरूरत के हिसाब से जितनी मेलामाइन की आवश्यकता है, उतनी उपलब्धता नहीं हो पा रही है।
मेलामाइन के रेट बढ़ने से सस्ते और लाइनर ग्रेड लेमिनेट बनाना काफी महंगा हो गया है, और कंपनियां, फिलहाल इस ग्रेड के प्रोडक्ट बनाने से परहेज कर सकती है या प्रोडक्ट के रेट में भारी इजाफा हो सकता है।
मेलामाइन ट्रेडर्स का मानना है कि चीन से आयातित मेलामाइन की उपलब्धता में रूकावट की वजह से ये समस्या खड़ी हुई है, क्योंकि कंटेनर नहीं मिलने से लॉजिस्टक की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, जिसे सुचारू रूप से आने में 2 से 3 महीने का वक्त लग सकता है।